रक्षाबंधन से ठीक पहले एक बहिन की दुनिया ही उजड़ गई, उसे यकीन भी नहीं हो रहा कि कुदरत ही उससे उसका सब कुछ छीन लेगी । टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक की नैलचामी पट्टी के थार्ती गांव के ऊपर बादल फटने से घर के अंदर सो रहे मां और बेटा जिंदा दफन हो गए। मलबे में दबी एक लड़की को घायल अवस्था में बाहर निकाला वहीं मां और बेटे का शव चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मलबे से बाहर निकाला।
बारिश के दौरान थार्ती गांव के ऊपर सौड़ नामे तोक में देर रात लगभग 12.30 बजे बादल फटने से शंकर सिंह बुटोला का मकान मलबे की चपेट में आ गया। बादल फटने और गांव के समीप बह रहे नैलचामी गदेरे के उफान का शोर सुनकर घर के अंदर सो रहे परिवार के मुखिया शंकर सिंह बुटोला, उनकी पत्नी बचनदेई और पोती स्नेहा बाहर आ गए।
लेकिन दूसरे कमरे में सो रही उनकी पुत्र वधू मकानी देवी, पोती सपना और पोता सुरजीत बाहर आने से पहले ही मलबे में दब गए। पोती सपना भी बाहर आते ही मलबे में फंस गई, ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत कर ढाई घंटे बाद उसे मलबे से निकालकर बचा लिया, लेकिन मां-बेटे को नहीं बचा सके।