रिपोर्ट:सत्यपाल नेगी
रूद्रप्रयाग। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने गुरुवार को पुलिस, महिला एवं बाल विकास समेत अन्य विभागों के साथ संवाद कर जनपद में मानव तस्करी,बाल मजदूरी समेत अन्य संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा की।उन्होंने संबंधित अधिकारियों को ज्यादा सक्रिय एवं संवेदनशीलता के साथ मानव तस्करी समेत महिलाओं से जुड़े अन्य मुद्दों पर काम करने के निर्देश दिए।श्रीमती कंडवाल ने कहा कि पंचायत से लेकर पालिका स्तर के जनप्रतिनिधि जिनका जनता से सीधा संपर्क एवं रिश्ता होता है,उन्हें ऐसे मामलों में सक्रियता दिखाने की जरूरत है।राष्ट्रीय महिला आयोग के निर्देशन पर राज्य महिला आयोग एवं मदर्स एंजेल चिड्रन सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के लिए रुद्रप्रयाग पहुंची राज्य महिला आयोग अध्यक्ष ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जिले में मानव तस्करी,बाल मजदूरी,भिक्षा वृत्ति,ड्रग्स की तस्करी समेत महिला सुरक्षा से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की,उन्होंने कहा कि सीमांत एवं दूसरे राज्य व देशों से लगते गांव-कस्बे मानव तस्करी के लिहाज से बेहद संवेदनशील माने जाते हैं, ऐसे क्षेत्रों में पुलिस समेत संबंधित विभागों को अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता है।इस दौरान उन्होंने अब तक जिले में मानव तस्करी,बाल श्रम आदि मामलों में पंजीकृत शिकायतों एवं उनके समाधान की समीक्षा भी की।श्रीमती कंडवाल ने कहा कि मानव तस्करी को रोकने में हमारे जनप्रतिनिधि बड़ी अहम भूमिका निभा सकते हैं।ग्राम प्रधान हों या वार्ड सदस्य उन्हें अपने क्षेत्र की पूरी जानकारी रहती है, ऐसे में किसी भी नए व्यक्ति के क्षेत्र में प्रवेश करने पर या कोई संदिग्ध बात लगने पर सीधा पुलिस या संबंधित विभागों को सूचित कर सकते हैं।भाजपा के जिलाध्यक्ष महावीर पंवार ने महिला आयोग,ह्यूमन राइट्स कमीशन एवं बैठक में मौजूद एनजीओ और अधिकारियों को जनपद के मेले या अन्य बड़े आयोजनों के दौरान मंच से युवक-युवतियों एवं अभिभावकों के लिए विशेष जागरुकता अभियान चलाने की सिफारिश की।कहा कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को एक बार में जागरूक किया जा सकता है।ह्यूमन राइट्स कमीशन के निदेशक राजेश चतुर्वेदी ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए मानव तस्करी को रोकने के सुझाव आयोग एवं पुलिस को दिए।जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल, इसके फायदे एवं नुकसान को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का सुझाव दिया। वहीं सीओ हर्षवर्धनी सुमन ने केदारनाथ यात्रा के दौरान खो जाने वाली महिला या अन्य यात्रियों के लिए शेल्टर होम बनवाने की सिफारिश की। हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अनुराज बिसारिया ने मानव तस्करी एवं बाल मजदूरी के कानूनी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी।कार्यशाला में ब्लाॅक प्रमुख मंदाकिनी(अगस्त्यमुनि) विजया देवी,पूर्व सभासद नगर पालिका अजय सेमवाल,डाॅ.शशिबाला,प्रधानाचार्य राइका आरएस भदौरिया,सब इंस्पेक्टर ज्योति पंवार,राखी बिष्ट,रंजना गैराला आदि मौजूद रहे।