रिपोर्ट : प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ : एनटीपीसी के मुख्य महा प्रबंधक आरपी अहिरवार ने कहा कि एनटीपीसी जिस भी परियोजना का निर्माण करती है उसका आधार ही देश के भू वैज्ञानिकों की रिपोर्ट होती है और कई स्तरों से वैज्ञानिक सर्वेक्षण के बाद निर्माण शुरू होता है।
श्री अहिरवार यहाँ एनटीपीसी टाउनशिप रविग्राम मे पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे,उन्होंने कहा कि एनटीपीसी देश का पहला महारत्न संस्थान है जो राष्ट्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्य महा प्रबंधक ने कहा कि एनटीपीसी न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में बल्कि पर्यावरण संरक्षण,सोशियल वेलफेयर व गवर्नेंस के साथ ही सरकार की नीतियों का अक्षरसः पालन करने मे भी अग्रणी है।
उन्होंने कहा कि तपोवन-विष्णुगाड़ परियोजना निर्माण मे भू गर्भीय परिस्थितियोंके कारण भी व्यवधान हुआ है लेकिन अब परियोजना 7 फरवरी 2021 से पूर्व की स्थिति मे 75 प्रतिशत तक निर्मित की जा चुकी है और एनटीपीसी का पूरा प्रयास है अगले दो वर्षों मे परियोजना निर्माण पूरा कर विद्युत उत्पादन शुरू किया जा सके।
पत्रकार वार्ता के दौरान सहायक महा प्रबंधक”भू गर्भ”भुवनेश कुमार ने तपोवन से सेलंग तकटनल की स्थिति की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि तपोवन से लेकर सेलंग तक का कोई भी गावँ व शहर टनल के ठीक ऊपर से नहीं है, कही गावँ के नीचे तीन सौ मीटर की दूरी पर तो कहीं डेढ़ किमी की दूरी पर निर्मित की गई है।
पत्रकार वार्ता में एजीएम”एचआर”उमेश कुमार,एजीएम”बैराज”राजेन्द्र कुमार जोशी,एजीएम भू गर्भ भुवनेश कुमार,एजीएम”हाइड्रो इंजीनियर”अनुभव कुमार,व एजीएम एचआरटी मनमीत वेदी सहित मानव संसाधन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।