रिपोर्टर कुलदीप चौहान
खासकर पहाड़ से बड़ी संख्या में निर्विरोध प्रधान समेत पंचायत प्रतिनिधि चुने जाने के समाचार आ रहे हैं। जो पहाड़ की सहभागिता, सहकारिता की भावना की झलक दिखाते हैं। निर्विरोध चुने गए पंचायत प्रतिनिधियों के कई मामलों में यह चरितार्थ भी हो रहा है। लेकिन जनजाति क्षेत्र चकराता में इससे इतर निर्विरोध प्रधान की कुर्सी पाने के लिए लाखों की बोली लगाने की खबरें आ रही है, हमारे ग्राम स्वराज तथा लोकतंत्र पर किसी धब्बे से कम नहीं है।
इस चर्चित गांव में पर्ची सिस्टम काफी समय से चला आ रहा है। यह लोकतंत्र की हत्या जैसा है। वर्ष 2014 में भी यहां 6 लाख में प्रधान पर्ची का भुगतान कर चुना गया था। जहां पूरे जौनसार.बावर में इस पंचायत चुनाव में अधिकांश प्रतिनिधि निर्विरोध चुनकर आ रहें वहीं इस तरह की खबर ने फिर जौनसार.बावर को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।
इक्कीस लाख सात सौ सात रूपये गांव को नगद धनराशि देकर बना ग्राम प्रधान सयाणा का छोटा भाई बताया जाता है।