वजीर देवता पहुंचे कल्पनाथ
उरगम घाटी (लक्ष्मण सिंह नेगी)। इन दिनों जनपद चमोली के देवर खडोरा गांव के वीरभद्र (वजीर देवता) की रथ यात्रा पंच केदार के पंचम केदार कल्पेश्वर मंदिर पहुंची और वहां भगवान शंकर के दर्शन किये। ऐसा माना जाता है कि वीरभद्र भगवान शंकर के पार्षद के रूप में विराजमान है और लोग गांव की रक्षा के लिए वीरभद्र की पूजा करते हैं।
कुछ जगहो पर इस देवता को भूमियाल, क्षेत्रपाल के रूप में पूजित किया जाता है। और इन्हें क्षेत्र के रक्षक माना जाता है। वजीर देवता मुख्य मंदिर डुमक गांव में है। और देवता के उपासक कई गांव में विद्यमान है। लोग अपने ही गांव में एक जगह पर वजीर देवता के मंदिर बना कर वह पूजा करते हैं जब कभी मुख्य कार्य करना होता तब जाकर के डुमक गांव पूजा के लिए पूजा के लिए पहुंचते हैं। यह रथयात्रा दर्जनों गांव भ्रमण करने के वाद कल्पेश्वर पहुंची। उसके बाद आज रात्रि विश्राम भरकी( धुनियाड़) देवता पंच नाम देवताओं के मंदिर में होगा। 6 माह तक यह यात्रा जारी रहेगी ।
जहां दिन भर वजीर देवता यात्रा देवदर्शन के साथ गांव भ्रमण करते है और रात्रि के समय पूरी क्षेत्र का आंखों देखा हाल का वर्णन देव ऋषि नारद स्वामी(वुडला) के द्वारा किया जाता है और रात्रि भर में 1 दर्जन से अधिक मुखोटा नृत्य का मंचन किया जाता है। यह परंपरा सैकड़ों साल पुरानी है और आज भी जारी है। उरगम घाटी के 12 गांवों के दर्शन करने के बाद यात्रा बद्रिकाश्रम की तरफ जाने की तैयारी है यह यात्रा कठिन परिस्थितियों में संचालित होती है इस यात्रा में शामिल 20 से 25 लोग नंगे पैर दर्जनों किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं और दिन भर में 2 बार स्नान करते हैं और दिन और शाम को ही भोजन प्राप्त करते हैं। यह सिलसिला 6 माह तक जारी रहेगा ठंडे पानी से स्नान करना अनिवार्य होता है। आस्था और विश्वास के यह यात्रा निरंतर चलती रहती है गांव में भी लोग बड़ी भक्ति भाव और श्रद्धा के साथ यात्रा का आवागमन का स्वागत और सत्कार करते हैं।