—– प्रकाश कपरुवाण।
ज्योतिर्मठ, 02नवंबर।
ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी श्री माधवाश्रम जी महाराज की पावन स्मृति मे ज्योतिर्मठ श्रीमठस्थली उनके भक्तों द्वारा श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ एवं पाठात्मक शतचंडी महायज्ञ का भव्य आयोजन
किया जा रहा है।
रविवार 2नवंबर से 8नवंबर तक आयोजित इस कथा ज्ञान यज्ञ शुरू होने से पूर्व रविवार को सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज के घोष एवं बाजे गाजों के साथ कलश यात्रा श्री मठस्थली से नृसिंह मंदिर, नव दुर्गा सिद्ध पीठ से देवपुजाई स्थल होते हुए कथा स्थल पहुंची।
कलश यात्रा का कथा स्थल श्री मठस्थली पहुँचने पर कथा व्यास आचार्य नीरज शास्त्री को व्यास पीठ पर विराजमान कर ज्योतिर्मठ बद्रीकाश्रम की ओर से उनका माल्यार्पण एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया।
कार्यक्रम के संयोजक श्रीमठस्थली के प्रबंधक बशिष्ठ ब्रह्मचारी ने ब्रह्मलीन ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री माधवाश्रम महाराज की पावन स्मृति मे सप्ताह भर होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए सभी भक्तों से प्रतिदिन कथा श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित करने का आवहान किया, उन्होंने कलश यात्रा मे बड़ी संख्या मे पहुंचे भक्तों एवं महिला मंगल दलों का आभार ब्यक्त किया।
प्रथम दिवस कथा प्रवचन करते हुए कथा व्यास पंडित नीरज शास्त्री ने श्रीमद भागवत के महात्मय पर एवं पाठात्मक शतचंडी महायज्ञ के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला, उन्होंने कहा कि सभी पुराणों का तिलक है श्रीमद भागवत, भगवान वेदब्यास की अंतिम रचना श्रीमदभागवत है, और अन्य पुराण भी श्रीमद भागवत महा पुराण की महिमा का वर्णन करते हैं।
कथा ब्यास ने कहा कि इस भव सागर से पार होना है तो भागवत का श्रवण करना ही होगा क्योंकि भगवान का नाम ही इस भव से पार होने का माध्यम है।












