देहरादून। केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग सीईआरसी ने विद्युत के अंतरराज्यीय व्यापार के लिए एसजेवीएन लिमिटेड को व्यापार लाइसेंस प्रदान किया है। आयोग ने कहा कि एसजेवीएन अंतर.राज्य व्यापार लाइसेंस प्रदान करने के लिए अधिनियम और व्यापार लाइसेंस रेगुलेशन्स की अपेक्षाओं को पूरा करता है।
एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने कहा कि ट्रेडिंग लाइसेंस के प्राप्त होने से एसजेवीएन ने एक अन्य बड़ी उपलब्धि प्राप्त कर ली है। एसजेवीएन अब किसी सार्वजानिक एवं प्राइवेट उत्पादक कम्पनियों सहित अपनी अधीनस्थ कम्पनियों एसजेवीएन अरुण.3 पॉवर डिवलपमेंट कम्पनी, एसजेवीएन थर्मल प्रा लि तथा नवीकरणीय क्षेत्र में अन्य अधीनस्थ कम्पनियों द्वारा उत्पादित विद्युत की ट्रेडिंग करेगा। उन्होंने बताया कि विद्युत अधिनियम 2003 तथा उसके उपरांत सीईआरसी एवं एसईआरसी रेगुलेशन्स द्वारा लाई गई खुली पहुंच व्यवस्था की भावना से प्रतिस्पर्धी माहौल में बिजली व्यापार के कुशल निष्पादन से उपभोक्ताओं को लाभ होगास शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन का लक्ष्य देश में बिजली का व्यापार करने के इच्छुक किसी भी उत्पादक और उपभोक्ता के ऊर्जा सम्बन्धी समाधानों के लिए वन.स्टॉप स्रोत बनना है और भारत में एक मजबूत और प्रतिस्पर्धी बिजली बाजार के विकास में योगदान करना है।
एसजेवीएन के पास इस कार्य के लिए अत्याधुनिक संचार सुविधाओं और योग्य और अनुभवी कर्मचारियों के साथ पर्याप्त बुनियादी ढांचा है। एसजेवीएन के पास नवीकरणीय और गैर.नवीकरणीय ऊर्जा और उसके व्यापार से संबंधित बिजली क्षेत्र के बारे में व्यापक ज्ञान के साथ एक ऊर्जावान कोर बिजनेस टीम है। एसजेवीएन विभिन्न राज्यों में बिजली आपूर्ति की कमियों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करेगा, जबकि मांग और आपूर्ति की क्षेत्रीय भिन्नताओं को भी ध्यान में रखेगा। एसजेवीएन छोटे और मध्यम बिजली उत्पादकों की शक्ति को भी समेकित करेगा और थोक बिजली उपभोक्ताओं से व्यापार करेगा। एसजेवीएन के पास वर्तमान में व्यापारिक गतिविधियों को कुशलतापूर्वक करने के लिए अपेक्षित बुनियादी ढांचा और कार्मिक हैंए सभी वृद्धिशील स्पोर्ट सिस्टमए जनशक्ति और बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं को मांग के अनुरूप निपटाया जाएगा। एसजेवीएन का उद्देश्य अनुबंधों द्वारा चौबीस घंटे 900 मेगावाट या इसके समान्तर तक भारत में अंतर.राज्ययी ट्रेडिंग प्रचालन से शुरुआत करना है।
श्री शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन के पास 16432 मेगावाट क्षमता की 41 परियोजनाओं का एक मजबूत पोर्टफोलियो है और प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से पहले ही 1670 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता वाली परियोजनाएँ हासिल कर चुका है। उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में कई और परियोजनाओं के लिए बोली प्रक्रिया प्रक्रियाधीन है। एसजेवीएन ने पहले ही भारत के नौ राज्यों हिमाचल प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश और दो पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान में अपनी उपस्थिति दर्ज कर ली है। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं से कंपनी को वर्ष 2023 तक 5 हजार मेगावाट, 2030 तक 12 हजार मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 25 हजार मेगावाट क्षमता वाली कंपनी के साझा विजन को साकार करने में मदद मिलेगी।