फोटो- विश्वधरोहर फूलों की घाटी का विहंगम दृष्य।
———————- प्रकाश कपरूवाण —————–
जोशीमठ।
पार्को एवं ट्रैक रूटों पर आवागमन के लिए वन विभाग ने एसओपी जारी की।
वन वभिाग द्वारा फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क, नन्दा देवी राष्ट्रीय पार्क एंव अन्य ट्रैक रूटों को खोलते हुए विभागीय गाइड लाइन जारी की है।
नन्दा देवी राष्ट्रीय पार्क के उप वन सरंक्षक नन्दा बल्लभ शर्मा द्वारा जारी की गई विभागीय एसओपी के अनुसार पार्केा एवं समस्त ट्रैक रूटो पर पंहुचने वाले ब्यक्तियों को राज्य सरकार व भारत सरकार द्वारा कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम व बचाव के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देशो का पालन किया जाना होगा। पार्क एंव ट्रैक रूट पर जाने वाले ब्यक्तियों को अधिकतम 72घंण्टे पूर्व आरटीपीसीआर, ट्रूनेट नेगेटिव रिर्पोट अनुमति से पूर्व प्रभागीय कार्यालय मे अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना होगा, राष्ट्रीय पार्को एंव ट्रैक रूटों पर जाने वाले सभी ब्यक्तियों को अनिवार्य रूप से मास्क पहनना व समाजिक दूरी का अनुपालन करना होगा। साथ ही इन स्थानो पर पंहुचने वाले ब्यक्तियों को पर्यटन संम्बधी पूर्व मे प्रचलित समस्त नियमो का पालन करना होगा।
गौरतलब है कि वन विभाग ने विश्व धरोहर फूलों की घाटी के साथ ही नन्दा देवी राष्ट्रीय पार्क एंव विभिन्न ट्रैक रूटो को खोले जाने के निर्णय लिया हैं। इससे निश्चित ही इन क्षेत्रो मे आवागमन शुरू होगा और पर्यटन, ट्रैकिंग ब्यवसाया से जुडे युवावो को इसका लाभ मिलेगा। कोरोना महामारी के कारण विगत दो वर्षो से पर्यटन ब्यवसाय चैपट हो गया हैं, एनटीसीए- ’’नेशनल टाइगर कंन्जरवेशन एथोर्टी ’’पहले ही देशभर के जू एंव पर्को को खोलने की अनुमति दे चुका था,इसे देखते हुए वन विभाग ने उत्तराखंड मे अन्य पार्को के साथ ही अब फूलो की घाटी राष्ट्रीय पार्क, नन्दा देवी राष्ट्रीय पार्क एंव विभिन्न ट्रैक रूटो को खेालने का फैसला किया है, और अब 1जुलाई से पार्क व ट्रैक रूटों का विधिवत संचालन होगा।वन विभाग द्वारा फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क को खोलने के निर्णय के बाद घाटी के मुख्य पडाव घांघरियाॅ मे भी ब्यवसायिक हलचल शुरू हो गई है। होटल, रेस्टोरेंट व दुकानो मे साफ-सफाई का कार्य शुरू हो गया है। भ्यूॅडार के पूर्व सरपंच विजेन्द्र सिंह चैहान के अनुसार वन विभाग ने सही फैसला लिया है, इस वहाने कम से कम कुछ प्रकृति प्रेमी पर्यटक तो फूलों की घाटी पंहुचेगे। श्री चैहान के कहा कि हेमकुण्ड साहिब के कपाट खुलने के अभी कोई आसार नही दिख रहे है। ऐेसे मे यदि फूलो की घाटी को खोलने का फैसला लिया गया है तो निश्चित ही सराहनीय है।