प्रकाश कपरूवाण
ज्योतिर्मठ। हेलंग-मारवाड़ी बाईपास को लेकर एक बार फिर विरोध शुरू हो गया है। निर्माणाधीन हेलंग मारवाड़ी बाईपास पर काम शुरू होने के बाद से लोगों ने एक बार फिर हेलंग से मारवाड़ी के लिए बन रहे बाईपास का जोरदार विरोध शुरू कर दिया है। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति व नगर पालिका जोशीमठ अध्यक्ष जहाँ प्रधानमंत्री व केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री को ज्ञापन भेजकर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज करा चुके हैं, वहीं अब ज्योतिधपिठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती भी हेलंग.मारवाड़ी बाईपास के विरोध में आ गए हैं।
स्थानीय लोग जहाँ इस बाईपास के बनने से जोशीमठ को खतरा बता रहे हैं व जोशीमठ के अस्तित्व के मिटने की बात कह रहे हैं वही ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने भी हेलंग मारवाड़ी बाईपास के बनने पर अपनी कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि हेलंग मारवाड़ी बाईपास किसी भी हालत में नहीं बनना चाहिए। कहा कि यदि सरकार को सड़क चौड़ी करनी ही है, तो जोशीमठ मुख्य बाजार या औली सड़क को चौड़ी करके समस्या का समाधान किया जाए।
उन्होंने कहा कि यदि हेलंग मारवाड़ी बाईपास बना तो जोशीमठ का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। भगवान बद्री विशाल की यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रि प्राचीन शंकराचार्य मठ के साथ.साथ अमर कल्पवृक्ष व भगवान नरसिंह के दर्शन करने से वंचित रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि जोशीमठ नगर पहले ही बहुत संवेदनशील है और अब तो धीरे.धीरे नीचे की ओर धसक रहा है ऐसी स्थिति में यदि नगर की भूगर्भ स्थिति के साथ छेड़छाड़ की गई तो नगर को बड़ा खतरा हो सकता है। शंकराचार्य ने जोशीमठ के लोगों को आश्वस्त किया कि वह किसी भी हालत में बाईपास का निर्माण नहीं होने देंगे उन्होंने कहा कि वह सदैव जोशीमठ की जनता के साथ हैं और वो केंद्र सरकार से भी इस विषय में वार्ता करेंगे।
ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के बाईपास के विरोध मे खड़े होने से सीमान्त धार्मिक नगरी ज्योतिर्मठ. जोशीमठ के लोगों मे आस जगी है।