रिपोर्ट. रूद्र बहादुर थापा उत्तराखंड समाचार के लिए लाखामंडल से’
देवभूमि लाखामंडल पांडव कालीन शिव मंदिर के लिए देश.विदेश में भी जाना जाता है। यह क्षेत्र राज्य की राजधानी तथा जनपद के अंतर्गत आता है। लाखामंडल क्षेत्र राज्य के 13 पर्यटक स्थलों में चयनित है, यहां पर 12 महीने श्रद्धालुओं तथा चार धाम यात्रा करने वाले तीर्थयात्री भी दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
लाखामंडल मंदिर मार्ग खत बौदर की जीवन रेखा भी हैए बरनिघाट जमुना पुल से लाखामंडल मंदिर तक पहुंचने का मोटर मार्ग जर्जर हालत में होने के कारण बड़े.बड़े गड्ढों में तब्दील हो गई हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होने के कारण स्थानीय लोग ही नहीं वल्कि बाहर से आने वाले श्रद्धालु और यात्रीगण कई बार चोटिल हो चुके हैं। सड़क में बड़े.बड़े गड्ढे होने के कारण काश्तकारों को अपने उपज फसल को मंडी तक पहुंचाने के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों के द्वारा कई बार संबंधित विभाग से अवगत कराने के बावजूद विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है, जिसका खामियाजा क्षेत्र के आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है, विभागीय उदासीनता के कारण मार्ग जर्जर अवस्था में होने से सड़क को देखकर ऐसा नहीं लगता कि राज्य द्वारा चयनित पर्यटन स्थल में से एक यह भी है, क्षेत्र की जनता ने स्थानीय विधायक तथा पर्यटन मंत्री से जल्द से जल्द मार्ग ठीक करने की मांग की है। इस मौके पर वीरेंद्र कुमार सामाजिक कार्यकर्ता, रमेश चंद भाटिया पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष, सुभाष शर्मा तथा अमित डोभाल आदि रहे!