फाइल फोटो–01-सीएम रावत को क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराते हुए।
02–श्री बदरीनाथ धाम मे प्रधानमंत्री मोदी को स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए।
03- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ। प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। क्षेत्र के प्रतिष्ठित समाज सेवी व भाजपा की अग्रिम पंक्ति में सुमार मोहन प्रसाद थपलियाल अब नहीं रहे। लेकिन उनके द्वारा समाज के लिए किए गए कार्यों व उनका मिलनसार व्यकित्व हमेशा याद किया जाता रहेगा। स्व0 श्री थपलियाल बचपन से ही रामभक्त थे और न्याय पंचायत तपोवन के दर्जनों गाॅवों में रामलीला का मंचन कराना मानो उनके जीवन का उदेश्य ही बन गया था। वे एक बेहतरीन हारमोनियम मास्टर थे। भगवान श्री राम की ही कृपा कहेंगे कि वर्ष 1988 में तपोवन के प्रधान निर्वाचित होने के बाद उन्होंने पीछे मुड के नहीं देखा। वे जिला पंचायत चमोली के न केवल सदस्य निर्वाचित हुए बल्कि जिला पंचायत की निर्माण समिति के अध्यक्ष भी रहे।
वर्ष 1988 तपोवन ग्राम सभा का अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद ग्राम प्रधान कार्यालय के उदघाटन के लिए जब उन्होंने उत्तर-प्रदेश के राज्यपाल बी0सत्यनारायण रेडडी को आमंत्रित किया, तो तभी लोग समझने लगे थे कि श्री थपलियाल राजनीति मंे भी लंबी छलांग लगाएंगे। श्री थपलियाल ने तपोवन में न केवल विद्या भारती से संबद्ध सरस्वती शिशु मंदिर की स्थापना की बल्कि राजकीय इण्टर कालेज व आईटीआई तपोवन की स्थापना मंे भी उनका विशेष योगदान रहा। स्व0 हेमवती नंदन बहुगुणा के अनुयायी रहे श्री थपलियाल ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और जोशीमठ मंडल अध्यक्ष से लेकर जिलाध्यक्ष व बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष जैसे प्रतिष्ठित पद पर पहंुचने में कामयाब हुए। सांगठनिक क्षमता के कारण ही स्व0 थपालियाल अब भाजपा के अग्रिम पंक्ति के नेताओं में सुमार हो गए थे। लेकिन विधाता को कुछ और ही मंजूर था।
भाजपा संगठन में उनके महत्व को इस बात से ही समझा जा सकता है कि उनकी हृदय विदारक मृत्यु के बाद सूबे के सीएम श्रद्धाजंलि देने तो पंहुचे ही अंतेंष्टि में भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय जी भी तपोवन पहंुच गए।
भाजपा के जिलाध्यक्ष व बीकेटीसी के अध्यक्ष रहते हुए उन्हांेने भविष्य बदरी तक सडक निर्माण व भविष्य बदरी मंदिर के जीणोद्धार की जोरदार पहल की। जो आज धरातल ते उतरता दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी के बदरीनाथ आगमन पर श्री थपलियान ने उनसे श्री केदारनाथ की तर्ज पर श्री बदरीनाथ धाम का भी विकास करने का आग्रह करते हुए धाम के विकास का प्रारूप प्रस्तुत किया था। श्री थपलियाल ने भगवान बदरीनविशाल के नित्य अभिषेक में प्रयोग होने वाले चंदन के लिए मुकेश अंबानी से कर्नाटक में बदरीश चंदन वाटिका व मंडल में आयुर्वेद कालेज की स्थापना किए जाने के आग्रह किया था। उनकी यह दूरदृष्टि सोच भी धरातल पर उतर रही है। बेहद मृदुभाषी श्री थपलियाल की कार दुर्घनटना में आकस्किम मृत्यु के बाद पूरा क्षेत्र गमगीन है, और क्षेत्र ने एक होनहार समाजसेवी को खो दिया है जिसकी भरपाई अब कतई संभव नही है।