डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला
उत्तराखंड के चारों धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री तीर्थ स्थल हैं. हर साल बड़ी संख्या में
श्रद्धालु यहां तीर्थयात्रा पर आते हैं. उत्तराखंड की चार धाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. शुरुआत नें चारों
धाम में श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. इसी बीच रुद्रप्रयाग के जिले में स्थित केदारनाथ धाम का एक
वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो को देखकर लोग चौंके हुए हैं. केदारनाथ धाम, जो हिंदुओं की
आस्था का एक अत्यंत पवित्र केंद्र माना जाता है, विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा जारी है. भगवान भोलेनाथ
का यह धाम केदारनाथ मानवीय दखलअंदाजी और अव्यवस्थाओं के कारण बीते कई महीनों से चर्चाओं में
है. वैसे तो बाबा भोलेनाथ का यह दिव्य स्थल अपने भक्तों की संख्या और मन को शांति देने वाले धार्मिक
माहौल की वजह से हमेशा चर्चा रहता है, शिव लोक कहे जाने वाले केदारनाथ धाम का रहस्य भी हैरान
कर देने वाला है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में एक है। इसे पंच
केदार भी कहा जाता है, क्योंकि इसका निर्माण पांडवों के पौत्र राजा परीक्षित के पुत्र महाराज जममेजा
द्वारा कराया गया था। बाद में मंदिर का जीर्णोद्धार आदि शंकराचार्य ने कराया। वहां इस तरह का व्यवहार
न सिर्फ धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन है बल्कि यह स्थानीय नियमों और सुरक्षा प्रावधानों की भी
अवहेलना माना जा रहा है. हर साल लाखों श्रद्धालु इस तीर्थ स्थल पर केवल श्रद्धा, भक्ति और आत्मिक
शांति की तलाश में पहुंचते हैं, ऐसे में कुछ लोगों का मनोरंजन और डांस को प्रमुखता देना कई श्रद्धालुओं को
आहत कर गया. गंभीर बात यह भी है कि केदारनाथ जैसे संवेदनशील और उच्च हिमालयी क्षेत्र में तेज ध्वनि
न केवल अनुचित है बल्कि यह प्राकृतिक आपदा को भी न्योता दे सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि तीव्र
ध्वनि कंपन पहाड़ों में भूस्खलन जैसी घटनाओं को जन्म दे सकती है, जिससे जान-माल का भारी नुकसान
हो सकता है. यह सवाल भी उठ रहे हैं कि कैसे मंदिर परिसर में पंजाबी गानों को बजाया गया और मंदिर
परिसर को ही डांस फ्लोर कैसे बना दिया गया.कैसे ये स्पीकर मंदिर तक पहुंचे, भगवान शिव के पवित्र
धाम में कैसे पंजाबी गानों में भांगड़ा करने दिया गया जबकि यात्रा मार्ग पर और मंदिर परिसर में प्रशासन
की कड़ी निगरानी रहती है या फिर इस मामले में कोई ढील बरती गई. युवक कौन हैं और किस राज्य के
रहने वाले हैं, अभी इसकी कोई जानकारी नहीं है. वीडियो के वायरल होने के बाद आम लोगों के साथ-साथ
धार्मिक संगठनों ने भी शासन और प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं. उनकी मांग है कि इस
मामले में सख्त कार्रवाई की जाए और धार्मिक स्थलों की गरिमा को बनाए रखने के लिए सख्त नियम लागू
किए जाएं. बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन तक यह वीडियो पहुंचा है और मंगलवार को इस मामले में
कार्रवाई की जा सकती है. उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (शुरू हो चुकी है. शुरुआत के दिनों में चारों धामों
में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को मिल रही है. इस बीच रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम से
एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें कुछ श्रद्धालु मंदिर परिसर के पीछे बड़े स्पीकर पर बज
रहे तेज पंजाबी गानों की धुन पर नाचते नजर आ रहे हैं. यह दृश्य शाम के समय का जान पड़ता है. सोशल
मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो सामने आने के बाद से लोगों में गुस्सा है. वे युवकों के
खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. साथ ही मंदिर प्रशासन से इस तरह की घटनाओं पर ध्यान देने की
बात कह रहे हैं ताकि पुनरावृत्ति न हो. वीडियो में केदारनाथ धाम के पीछे एक स्पीकर दिख रहा है. युवक
पार्टी लाइट भी अपने साथ लेकर आए थे. स्पीकर में पंजाबी गाने बज रहे हैं और वे नाच रहे हैं यह वीडियो
जैसे ही सामने आया, सोशल मीडिया यूजर्स का गुस्सा फूट पड़ा. यूजर्स ने घटना की निंदा की और इन
युवकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. कोई लिख रहा, ‘केदारनाथ धाम की ये कैसी दुर्दशा कर दी’, तो
कोई लिख रहा, ‘यकीनन बाहर से आए इन युवकों ने धाम की मर्यादा भंग की है. यह बर्दाश्त नहीं किया
जाना चाहिए. इनको कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि इस तरह की सोच रखने वालों के बीच एक मैसेज
जाए.’ कैसे ये स्पीकर मंदिर तक पहुंचे, भगवान शिव के पवित्र धाम में कैसे पंजाबी गानों में भांगड़ा करने
दिया गया जबकि यात्रा मार्ग पर और मंदिर परिसर में प्रशासन की कड़ी निगरानी रहती है या फिर इस
मामले में कोई ढील बरती गई. युवक कौन हैं और किस राज्य के रहने वाले हैं, अभी इसकी कोई जानकारी
नहीं है. वीडियो के वायरल होने के बाद आम लोगों के साथ-साथ धार्मिक संगठनों ने भी शासन और
प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं. उनकी मांग है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाए और
धार्मिक स्थलों की गरिमा को बनाए रखने के लिए सख्त नियम लागू किए जाएं. बताया जा रहा है कि
जिला प्रशासन तक यह वीडियो पहुंचा है और मंगलवार को इस मामले में कार्रवाई की जा सकती है.
केदारनाथ मंदिर समिति ने मंदिर परिसर में जगह-जगह बोर्ड लगाए हैं, जिन पर लिखा है कि मोबाइल
फोन के साथ मंदिर परिसर में प्रवेश न करें, मंदिर के अंदर किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी और
वीडियोग्राफी पूरी तरह से प्रतिबंधित है और आप सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हैं। इतना ही नहीं,
मंदिर समिति ने केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं से "सभ्य कपड़े" पहनने और मंदिर परिसर में तंबू या
शिविर लगाने से परहेज करने को भी कहा है। मंदिर परिसर में हिंदी और अंग्रेजी में लगे बोर्डों पर यह भी
लिखा है कि आदेशों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।गौरतलब है कि
केदारनाथ धाम हिंदुओं की आस्था का एक पवित्र केंद्र है. हर साल लाखों श्रद्धालु श्रद्धा, भक्ति और आत्मिक
शांति के लिए यहां आते हैं. ऐसे में ये जो वीडियो वायरल हुआ इसने कई श्रद्धालुओं को आहत कर दिया.
*लेखक विज्ञान व तकनीकी विषयों के जानकार दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।*