गैरसैण। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उत्तराखंड की स्थायी राजधानी गैरसैंण की मांग को ले कर चल रहे आन्दोलन के तहत 38 में से 35आन्दोलनकारियों ने न्यायालय में जमानत न दे कर जेल जाना स्वीकार किया।
आन्दोलनकारियों के अधिवक्ता के एस बिष्ट द्वारा अदालती औपचारिकता पूरी करने के पश्चात पुलिस के दो वाहनों में आंदोलनकारियों को ठूंस कर न्यायिक प्रक्रिया के तहत पुलिस प्रशासन द्वारा पुरसाडी जेल भेज दिया गया है । बुधवार को प्रातः रामलीला मैदान में आन्दोलनकारी और उनके समर्थन में विभिन्न क्षेत्रों से आये राजनैतिक दिग्गजों ने एक बैठक की फिर पुलिस
की चाक चौबंद व्यवस्था के बीच सभी जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए न्यायालय पहुंचे। न्यायालय परिसर में लगे गेट पर पुलिस पशासन और आंदोलनकारियों के बीच खूब धक्का-मुकी हुई। स्थिति काबू से बाहर होते देख गेट का दरवाजा खोल दिया गया। परिसर में पहुंचते ही आंदोलनकारियों ने जोरदार नारेबाजी की। फिर बारी-बारी से आंदोलनकारी न्यायिक मजिस्ट्रेट के
सामने पेश हुए । कुछ ही देर में सभी आंदोलनकारियों को पुलिस की बसों में बिठाया गया। इस दौरान स्थानीय और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध में नारेबाजी करते हुए बस के आगे धरना प्रदर्शन और जोरदार नारे बाजी करते रहे। किसी तरह पुलिस ने घसीट घसीट कर आन्दोलनकारियों को किनारे कर बस आगे बढाई। इस दौरान उनके
समर्थन में पूर्व राज्य मंत्री राजू भंडारी, पूर्व डिप्टी स्पीकर डा ए पी मैखुरी, परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पी सी तिवारी, राजधानी गैरसैंण संघर्ष समिति के केंद्रीय अध्यक्ष चारू तिवारी, इंद्रेश मैखुरी, पूर्व राज्य मंत्री सुरेंद्र सिह बिष्ट ने शासन प्रशासन का जोरदार विरोध किया।
इस दौरान रूद्रप्रयाग से मोहित डिमरी, राय सिंह बिष्ट, सत्यपाल सिंह नेगी, के पी ढौंडियाल, रमेश दत नौटियाल, कार्णप्रयाग गौचर से पूर्व ब्लाक प्रमुख राजेंद्र सगोई, गौचर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष मुकेश नेगी, माकपा के इंद्रेश मैखुरी, पौडी से मनीष सुंदरियाल, अल्मोडा से किरन, गोपाल, कुन्दन सिंह बिष्ट, पी सी तिवारी, चारू तिवारी, सल्ट से महेश भारद्वाज, चौखुटिया से पूर्व सैनिक पूरन सिंंह मेहरा, नगर पंचायत गैरसैंण के अध्यक्ष पुष्कर सिंह रावत, सभासद कुंवर सिंह रावत, सांसद राजबब्बर के प्रतिनिधि मोहन सिंह नेगी, सभासद जगदीश ढौंडियाल, प्रधान संघ के अध्यक्ष महाबीर बिष्ट, सुरेंद्र लाल आदि तमाम
लोगों ने आंदोलन के समर्थन में नारेबाजी की ।