फोटो- तपोवन पंहुचा लोंग बूम एक्सीबेटर।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। तपोवन टनल मंे मलबा व पानी निकालने का काम 22वें दिन भी जारी रहा। टनल के अंन्दर रविबार को भी कोई शव नहीं मिला। अब लोंग बूम एक्सीबेटर से भी होगा मलबा हटाने का काम।
.ऋषि गंगा त्रासदी के 22वें दिन भी टनल में फॅसे लोगांे को ढूॅडने का काम जारी रहा। लेकिन निराशा ही हाथ लगी। टनल के अंन्दर मलबा व पानी की मात्रा निंरन्तर बढ रही है। जिसके कारण शवों को ढॅूड पाना बेहद मुश्किल हो रहा है। हाॅलाकि मलबा हटाते हुए मशीनें एसएफटी-सिल्ट फ्लसिंग टनल, तक पंहुच चुकी हैं। और वहाॅ मलबा हटाने का कार्य किया जा रहा है। अब एनटीपीसी ने तीन लोंग बूम एक्सीबेटर भी साइड पर पंहुचा दिए हंै। माना जा रहा है कि ये मशीनंे अब काफी दूरी से मलबा हटाने का कार्य कर सकेंगी।
एनटीपीसी तपोवन-विष्णुगाड परियोजना के महाप्रबंधक आर पी अहिरवार के अनुसार टनल से मलबा व पानी हटाने का कार्य लगातार जारी हैं। टनल के अंन्दर चार पंपांे के माध्यम से पानी बाहर निकाला जा रहा है। लेकिन कई बार पंप में मक आ जाने से पंप कम मात्रा में पानी बाहर फेंकता है। इसलिए पंपों की सफाई समय-समय पर की जाती है और अन्य पंप भी मौके पर मौजद हैं। उन्होंने बताया कि टनल के अन्दर अभी भी करीब सत्तर हजार क्यूबिक मीटर मलबा भरा है, जबकि चैम्बर में ढाई लाख क्ूयबिक मीटर के करीब मलबा भरा है। शवों की तलाश के साथ ही मलबा निकालने मंे बेहद सावधानी बरतनी होती है। उनका कहना था कि शव एसएफटी टनल के आस-पास भी हो सकते हैं। मलबे के साथ बाहर की ओर भी बह कर आ सकेते हैं, लेकिन यह सब अटकलें ही है, जब तक पूरी तरह मलबा साफ नहीं हो जाता तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता।
महाप्रबंधक ने कहा कि अब तीन लोंग बूम एक्सीबेटर मंगा लिए गए हैं। जो टनल के अन्दर काफी दूरी से 5से 6मीटर गहराई तक कार्य कर सकेंगे।