हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली। मामी नंदा भगवती एवं भांजे गोल्जयू महाराज का नंदा सिद्धपीठ देवराड़ा थराली में भावपूर्ण मिलन हुआ । मिलन के इस दृश्य को देखकर नंदा एवं गोल्जयू महाराज के भक्त भावविभोर हो उठें।
चम्पावत जिले से चली गोल्जयू महाराज की रथ यात्रा पहली बार नंदा सिद्धपीठ देवराडा एवं दक्षिण कालिका के ऐतिहासिक मंदिर तुगेश्वर के दर्शनों एवं देवीयों से भेंट करने के लिए जब तुगेश्वर बाजार पहुंची तो नंदा एवं गोल्जयू महाराज के भक्तों ने रथयात्रा का भव्य रूप से स्वागत किया।इसके बाद यात्रा में सामिल गोल्जयू महाराज के भक्त एवं पश्वा नंदा सिद्धपीठ देवराड़ा पहुंचे जहां पर देवी एवं गोल्जयू के स्तुति गीतों के बीच ढोल ,नगाड़ों की थाप पर गोल्जयू महाराज के पश्वा अवतारित हुए उन्होंने नाचते मामी नंदा भगवती की स्तुति करते हुए अपने एवं नंदा देवी के भक्तों को आशीर्वाद दिया। इसके अलावा उन्होंने बधाण क्षेत्र की समृद्धि एवं खुशहाली का वचन दिया। गोल्जयू महाराज के पश्वा काफी देर तक सिद्धपीठ में नाचते रहे।इस दौरान पश्वा के चेहरे का तेज देख उपस्थित भक्तों में श्रद्धा उमड़ने लगी। इसके बाद यात्रा सिद्धपीठ देवराड़ा से हुए नंदा देवी के धर्म भाई माने जाने वाले लाटू देवता , और तुगेश्वर स्थिति मां दक्षिण कालिका के मंदिरों में गई, इन स्थानों पर भी देवी देवताओं की आपस में भेटाभाटी हुईं। पहली बार गोल्जयू महाराज की रथयात्रा के नंदा शक्तिपीठ देवराड़ा पहुंचने के सूत्रधार उत्तराखंड चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति उत्तराखंड के केन्द्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत रहे। रावत ने बताया कि विगत महिनों समिति कीज् एक बैठक चम्पावत जिला मुख्यालय में हुई थी। जिसमें उत्तराखंड की एकता पर चर्चा हुई और इस बैठक में बताया गया कि नवम्बर में कुमाऊं के न्याय के देवता गोल्जयू महाराज की रथयात्रा का आयोजन होना है जोका कुमाऊं एवं गढ़वाल के विभिन्न पीठों एवं सिद्धपीठ में जाएंगी ।इस बैठक में तय किया गया कि रथयात्रा के दौरान यात्रा पहली बार राजराजेश्वरी नंदादेवी के शक्तिपीठ देवराड़ा थराली आएगी,जिसके लिए बकायदा निमंत्रण दिया गया। गोल्जयू महाराज की रथयात्रा के देवराड़ा,तुगेश्वर क्षेत्र में पहुंचने पर गुरुकुल श्री बदरी नारायण संस्कृत विद्यालय रायकोली के प्रबंधक पंडित नवीन जोशी, महिला मंगल दल देवराड़ा की अध्यक्ष गौरी देवी, तुलेश्वर की बिमला देवी,रीना देवी, महेशी देवी,लीला देवी, कमला देवी,रजनी देवी, अनीता देवी,रेशमा देवी, बसंती देवी, चैत्रीय गायक गोपाल सिंह रावत,गबर सिंह रावत, कृति सिंह रावत,हीरा बल्लभ देवराड़ी, जगदीश पुरोहित, लक्ष्मण राम, हिमांशु आदि ने रथयात्रा का भव्य स्वागत किया।
——–
गोल्जयू महाराज को माना जाता हैं मां भगवती का भांजा। धार्मिक लोक गीतों के अनुसार शिवजी की बहिन कालिका जिसी ऋषि पुत्री भी माना जाता हैं। का विवाह चंपावत के राजा हलुराही से हुआ था। किंतु हलुराही की पहले से ही 7 रानियां थी किंतु उनसे कोई भी संतान नही थी। देवताओं के आशीर्वाद से हलुराही को कालिका के जरिए पुत्र तो प्राप्त हुआ किन्तु 7 रानियों साजिश रच कर पुत्र को बक्से में बंद कर नदी में बहा दिया। किंतु शिव अंश होने के कारण बच्चा सुरक्षित रहा और कालांतर में इन्हें भी गोरील,गोल्जयू,गोवल, दादू गौरिया आदि आदि नामों से जाना जाने लगा। गोल्जयू जो की राज खानदान में पैदा हुए तो उन्हें महाराज की उपाधि मिली और शिव की बहिन कालिका से पैदा होने पर शिव, पार्वती का भांजा माना जाता हैं।पूरे कुमाऊं एवं गढ़वाल के बड़े हिस्से में इन्हें न्याय का देवता माना जाता हैं ।