जोशीमठ/लक्ष्मण सिंह नेगी।
चमोली। उत्तराखंड पहले से आंदोलन और संघर्ष की धरती रही है आजादी के समय से पहाड़ के लोगों ने आजादी की लड़ाई के लिए अपने कंधों में बिस्तर लेकर के मैदानी भाग में जाकर सेना में भर्ती होकर देश की सेवा की वीरचंद्र सिंह गढ़वाली, विक्टोरिया क्रॉस दरवान सिंह नेगी, वीर गब्बर सिंह सहित गौरा देवी स्वर्गीय गोविंद सिंह रावत टिंचरी माई जैसी कई समाज सेवी संघर्षशील लोग पैदा हुए जिन्होंने अपना जीवन पूरा समाज को समर्पित कर दिया ऐसे लोग आज समय में जिंदा है जो समाज को नई रोशनी देने का काम करते हैं उनमें नैनीताल के ओखल कांडा ब्लॉक के चंदन सिंह नयाल का नाम भी आता है जो पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने तरह का अलग काम कर रहे हैं जो युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है वीरों और संघर्ष की धरती उत्तराखंड में सैकड़ों जनआंदोलन हुए हैं जिनको राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है भले ही चंदन को बहुत लोग नहीं जानते हो उनका काम अपनी तरफ का एक संघर्षपूर्ण काम है जो समाज को एक नई दिशा देने का काम कर रहा है जिसे सरकार नहीं कर पाई उसे काम को चंदन कर रहा है वर्ष 2024 को 5 जून के दिन उन्हें चिपको आंदोलन की गौरा देवी के नाम से शुरू किया गया गौरव देवी सम्मान सुदूरवर्ती क्षेत्र उर्गम घाटी से जनदेश सामाजिक संगठन के द्वारा दिया जाता है इस अवसर पर है चंदन से एक मुलाकात की कुछ खास बातें चन्दन सिंह नयाल आपका नाम और आपका गांव मेरा नाम( पर्यावरण प्रेमी)ग्राम- नाई,ब्लाक ओखलकांडा,जिला- नैनीताल,उत्तराखंड, आप कितने सालों से काम कर रहे हैं मैं पिछले 11 वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य किया जा रहा है मैंने अभी तक 58800 पौधे स्वयं और युवा साथियों के सहयोग से लगा चुके हैं साथ ही 60000 से अधिक पौधे वितरित कर चुके हैं और विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से भी हजारों पौधे लगाए जा चुकेहैं। जल संरक्षण के लिए किए गए प्रयास क्या है। चंदन नाइल कहते हैं कि जल संरक्षण के लिए 6000 से अधिक चाल खाल खंतिया पोखर बनाए जा चुके हैं, और 500 से अधिक स्कूलों में पर्यावरण संरक्षण की कार्यशाला आयोजित की जा चुकी है साथ ही 120 से अधिक गांवों में पर्यावरण गोष्ठी का आयोजन किया गया है 6 हैक्टेयर का एक मिश्रित जंगल भी हमारे द्वारा तैयार किया गया है। आपको अभी तक के मिले पुरस्कारों के बारे में थोड़ा बताइए। चंदन नयाल बताता है वर्ष 2021 में जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वाटर हीरों से सम्मानित किया गया,साथ ही उत्तराखंड सरकार द्वारा s d g achiever सम्मान से सम्मानित किया गया है,साथ ही उत्तराखंड गौरव सम्मान, हिमाल मित्र सम्मान आदि से सम्मानित किया गया है। 5 जून को गौरा देवी 2024 को सम्मान मुझे मिल चुका है। युवाओं को आप क्या संदेश देना चाहते हैं। वह कहते हैं कि युवाओं को प्रकृति के संरक्षण के लिए आगे आना होगा यदि प्रकृति को बचाया नहीं गया तो आने वाले समय में विनाश की और हम जाएंगे समय रहते भी काम करने की आवश्यकता है।