• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar

लक्ष्य सेन की जीत से खिल उठे चेहरे: डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला

04/08/24
in उत्तराखंड
Reading Time: 1min read
0
SHARES
77
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

 

ब्यूरो रिपोर्ट। लक्ष्य सेन मूल रूप से अल्मोड़ा जिले की सोमेश्वर तहसील के रस्यारा गाँव के हैं. अल्मोड़ा के तिलकपुर मोहल्ले में स्थित उनके घर में बना बैडमिन्टन का कोर्ट लक्ष्य सेन के दादाजी द्वारा ने ही बनाया. इसी बैडमिन्टन कोर्ट में

दिन-रात मेहनत कर लक्ष्य सेन ने आज यह मुकाम हासिल किया है. लक्ष्य की दसवीं तक की पढ़ाई अल्मोड़ा के

बीरशिवा स्कूल में ही हुई। 2018 में लक्ष्य ने जूनियर एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप अपने नाम की थी। उसके

बाद से लगातार बड़े टूर्नामेंट में जीत हासिल कर रहे हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप और थॉमस कप पदक के बाद अब

उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में भी पदक अपने नाम कर लोहा मनवाया है।अल्मोड़ा के इस लड़के का बैडमिंटन की

दुनिया में उदय स्थिर रहा है। हालांकि, इस साल यह असाधारण रहा। वह थॉमस कप जीतने वाली टीम का

हिस्सा थे, ऑल-इंग्लैंड चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले चौथे भारतीय थे और बर्मिंघम में

कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक विजेता थे।लेकिन कहानी बहुत पहले से शुरू होती है, स्वर्गीय चंद्र लाल सेन

के समय से, जिन्होंने अल्मोड़ा शहर में बैडमिंटन को लाया। एक व्यक्ति की दूरदर्शिता, धैर्य, दृढ़ता, कड़ी

मेहनत और बैडमिंटन के खेल के प्रति जुनून ने अल्मोड़ा को प्रतिभाओं को निखारने और हर साल चैंपियन

बनाने वाली नर्सरी बना दिया, जिसमें लक्ष्य उन सभी में सबसे आगे था। एक कहानी, जिसे बताया जाना

चाहिए।चंद्र लाल सेन का जन्म 7 जून 1931 को अल्मोड़ा में हुआ था। चंद्र लाल छात्र जीवन में एक अच्छे

फुटबॉल खिलाड़ी थे। अंग्रेजों को खेलते देखकर उन्होंने 20 साल की उम्र में रामसे इंटर कॉलेज के आउटडोर

में बैडमिंटन खेलना शुरू किया, जहाँ से उन्होंने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की।सेन उत्तर प्रदेश सरकार में

सेवा में शामिल हो गए। 1970 के दशक तक, उन्होंने एक खिलाड़ी के रूप में अपना नाम कमाया था।

उन्होंने 1973 से 1989 तक पूरे देश में अखिल भारतीय सिविल सेवा टूर्नामेंट में यूपी सिविल सेवा

बैडमिंटन टीम का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें वे एक बार विजेता और तीन मौकों पर उपविजेता रहे।लेकिन

उनका दिल अल्मोड़ा में था, क्योंकि वे वहां सुविधाएं विकसित करने का सपना देखते थे। बाद में उनकी

पोस्टिंग अल्मोड़ा में हुई और उन्होंने यूपी सरकार के खेल विभाग से नियमित पत्राचार शुरू कर दिया।

उनकी कोशिशें तब रंग लाईं जब 1993 में एक अलग बैडमिंटन हॉल बनाया गया।प्रतिभा को निखारने के

उत्साह ने उन्हें पूरी तरह से कोचिंग में शामिल कर दिया। उनके एनआईएस प्रशिक्षित बेटे धीरेंद्र (डीके सेन)

याद करते हैं कि उनके पिता खुद ही कोर्ट मार्किंग करते थे और उनके पास दो लकड़ी के खंभे थे, जिससे वे

लगभग कहीं भी कोर्ट बना सकते थे, लेकिन खास तौर पर रामसे इंटर कॉलेज के मैदान पर। खेल के प्रति

उनका प्यार इतना था कि जब उन्होंने तिलकपुर बगीचा इलाके में अपना घर बनाया, तो उसके परिसर में

बैडमिंटन कोर्ट बनवाया- अल्मोड़ा के लिए यह एक दुर्लभ बात है।उनके बच्चे और बाद में उनके दो पोते

चिराग और लक्ष्य उनके साथ उनके घर के कोर्ट में अभ्यास करते थे। सुबह जल्दी उठकर, वह खिलाड़ियों के

साथ स्टेडियम में काफी समय बिताते थे, हर सुबह और शाम उन्हें देखते और उनका मार्गदर्शन करते थे।

कौशल, गति, चुपके और सहनशक्ति इस खेल की विशेषता है, यह उन बहुत कम खेलों में से एक है जो गेंद

से नहीं खेले जाते। केवल कड़ी मेहनत ही सफलता दिला सकती है, बैडमिंटन में तो और भी अधिक।सीमित

संसाधनों के बावजूद, कई टूर्नामेंट आयोजित किए गए, जिसमें अल्मोड़ा के अन्य बैडमिंटन प्रेमियों ने अपना

योगदान दिया। इन सबने उत्कृष्टता की संस्कृति को जन्म दिया, जिसका प्रमाण तब मिला जब खिलाड़ी अन्य

जगहों पर टूर्नामेंट में भाग लेने गए। प्रतिस्पर्धी खेलने की उम्र से आगे निकल चुके कई खिलाड़ी अब कोच

और खेल प्रशिक्षक के रूप में काम कर रहे हैं।डीके सेन ने 2001 में गोरखपुर में आयोजित यूपी-स्टेट

बैडमिंटन टूर्नामेंट में अल्मोड़ा के बच्चों ने अलग-अलग श्रेणियों में सभी 12 फाइनल जीते थे। अल्मोड़ा

बैडमिंटन वाकई अपने चरम पर था। उन्हें याद है कि यूपी में एक राज्य स्तरीय टूर्नामेंट के पुरस्कार वितरण

समारोह के दौरान, भारत से स्टार शटलर लक्ष्य सेन से पेरिस ओलंपिक में उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश

को पदक की उम्मीद है। लक्ष्य ने बर्मिंघम में कामनवेल्थ गेम्स-2022 में एकल वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था।

पेरिस ओलंपिक के लिए भी लक्ष्य ने टाप-16 में जगह बनाकर क्वालीफाई किया है। अल्मोड़ा के रहने वाले लक्ष्य

सेन 6 साल की उम्र में ही बैडमिंटन खेल रहे हैं। लक्ष्य के पिता डीके सेन बैडमिंटन के अंतरराष्ट्रीय कोच होने के

साथ ही उनके भी कोच हैं। लक्ष्य के दादा सीएल सेन भी बैडमिंटन खिलाड़ी रहे और बड़े भाई चिराग सेन भी

अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। लक्ष्य राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई पदक जीत चुके हैं। इसके लिए उन्हें

वर्ष 2022 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।जिसमें अल्मोड़ा की लड़कियों और लड़कों ने बेहतरीन

प्रदर्शन किया था, उन्होंने यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष को एसोसिएशन के सचिव से

मजाक में यह कहते हुए सुना था, " अगर आप यूपी के खिलाड़ियों से अच्छा प्रदर्शन चाहते हैं, तो अपने

मैदान पर अल्मोड़ा की कुछ मिट्टी छिड़कवा लें !" 73 साल बाद भारत को पहली बार थॉमस कप दिलाने

वाली भारतीय बैडमिंटन टीम के सदस्य अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी लक्ष्य सेन का रविवार को हल्द्वानी, भवाली और

अल्मोड़ा में जोरदार स्वागत हुआ। इससे पूर्व दिल्ली में उन्होंने पीएम मोदी को बाल मिठाई भेंट की। इसके लिए

प्रधानमंत्री ने लक्ष्य का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने जीत के बाद फोन पर लक्ष्य से कहा था कि बाल

मिठाई तो बनती है और लक्ष्य को उनके कहे ये शब्द याद रहे। बैडमिंटन खिलाड़ी गायत्री ने कहा कि वह लक्ष्य

भैया के मैच देख रही हैं और उनका बेहतरीन प्रदर्शन भी देखने को मिल रहा है. अल्मोड़ा के इस कोर्ट में लक्ष्य

भैया ने प्रैक्टिस की है. वह भी यहां पर आकर प्रैक्टिस कर रही हैं और उनका भी सपना है कि वह लक्ष्य जैसा

बनें और अपने शहर और उत्तराखंड का नाम रोशन करें. खिलाड़ी गौरव भट्ट ने कहा कि उन्हें काफी गर्व महसूस

होता है कि लक्ष्य सेन इसी कोर्ट से प्रैक्टिस कर चुके हैं और वह भी यहां पर प्रैक्टिस करने आ रहे हैं. उन्होंने

लक्ष्य भैया के ओलंपिक मैच देखे हैं और उम्मीद है कि वह मेडल जरूर जीतेंगे. लक्ष्य भैया आज हर किसी के

लिए प्रेरणास्रोत हैं. इस बैडमिंटन कोर्ट में प्रैक्टिस करने आ रहे बच्चों को भी काफी प्रोत्साहन मिलता है कि जब

लक्ष्य भैया इतने बड़े मंच पर पहुंच सकते हैं, तो वे भी उस मुकाम तक पहुंच सकते हैं.  लक्ष्य सेन ने अपने अभी

तक के खेले गए मैचों में शानदार प्रदर्शन किया है. जितने भी मैच उन्होंने खेले हैं, उसमें सारे सेट अपने नाम

किए हैं. उनकी और तमाम खिलाड़ियों की लक्ष्य के लिए शुभकामनाएं हैं कि वह अपने सारे मैच इसी तरह से

जीतें और पदक लेकर आएं. उन्होंने कहा कि जब हम किसी के साथ मैच खेलते हैं, तो कोर्ट में एडजस्ट करने में

भी समय लगता है, पर दूसरे सेट में जब लक्ष्य ने अपना खेल दिखाया, तो वह वाकई कमाल का था. उन्हें

उम्मीद है कि वह पदक जरूर जीतेंगे. पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के स्टार खिलाड़ी लक्ष्य सेन सोमवार को

जीत मिली है। उन्होंने सिंगल बैडमिंटन के ग्रुप मैच में बेल्जियम के जूलियन कैरेगी को हराया।  सेन ने पहले मैच

को 21-19 से जीता तो वहीं भारत के दुनिया के 18वें नंबर के खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने दुनिया के 52वें नंबर के

खिलाड़ी कैरेगी को 43 मिनट में 21-19, 21-14 से शिकस्त दी(इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त

किए हैं।)

लेखक दून विश्वविद्यालय कार्यरत हैं)।

ShareSendTweet
http://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/02/Video-National-Games-2025-1.mp4
Previous Post

डोईवाला : ‘5100 पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा

Next Post

सेना ने बढ़ाया मदद का हाथ सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच वाश आउट एरिया में पैदल पुल बनाने का कार्य शुरू

Related Posts

उत्तराखंड

उत्तराखंड पहाड़ों में बुरांश लालिमा रोजगार बढ़ाने में हो रहा सहायक

May 16, 2025
8
उत्तराखंड

डोईवाला : शहीदों की स्मृति में लगाया रक्तदान शिविर

May 16, 2025
8
उत्तराखंड

उत्तराखण्ड मंत्रिपरिषद ने किया ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर भारतीय सेना का अभिनंदन प्रस्ताव पारित

May 16, 2025
7
उत्तराखंड

एक दिवसीय विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन

May 16, 2025
14
उत्तराखंड

पात्र व्यक्ति को मिले समाज कल्याण की योजना का लाभ: देशराज कर्णवाल।

May 16, 2025
17
उत्तराखंड

उत्तराखंड में जनसांख्यकीय परिवर्तन प्रदेश ही नहीं देश के लिए भी घातक

May 16, 2025
20

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

उत्तराखंड पहाड़ों में बुरांश लालिमा रोजगार बढ़ाने में हो रहा सहायक

May 16, 2025

डोईवाला : शहीदों की स्मृति में लगाया रक्तदान शिविर

May 16, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.