रिपोर्ट-सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
जनपद रुद्रप्रयाग में बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति की प्रभावी रोकथाम करने, भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जनता को जागरुक करने, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को शिक्षा हेतु प्रेरित करने व उनके पुनर्वास हेतु नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड के निर्देशानुसार उत्तराखण्ड राज्य के समस्त जनपदों में 01 अगस्त से 30 सितम्बर, 2022 तक दो माह हेतु एक बार फिर से ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। अभियान की थीम भिक्षा नहीं, शिक्षा दें व सपोट टू एजुकेट ए चाइल्ड है।
आर्थिक रूप से निर्बल, बेसहारा बच्चों को भिक्षावृत्ति के मार्ग से हटाकर शिक्षा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करने की इस पहल व मिशन को ऑपरेशन मुक्ति का नाम दिया गया। तब से यह अभियान लगातार चलाया जा रहा है।
इस अवसर पर पुलिस की युवा तेजतरार नामित नोडल अधिकारी सीओ हर्षवर्धनी सुमन ने बताया कि पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग आयुष अग्रवाल द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में जनपद में चलाये जा रहे इस अभियान का शुभारम्भ कर ऑपरेशन मुक्ति टीम में शामिल सभी पुलिस कार्मिकों को ब्रीफ किया गया है।
इस अभियान को सफल बनाये जाने हेतु जनपद में विभिन्न स्टेकहोल्डर्स विभागों यथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, जिला समाज कल्याण अधिकारी, अभियोजन अधिकारी, जिला श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास, चाइल्ड हेल्प लाईन, सीडब्ल्यूसी, शिक्षण समिति के साथ गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी अवसर पर चर्चा की गयी कि ऑपरेशन मुक्ति अभियान के तहत भिक्षा मांगने वाले बच्चों को शिक्षा देने की कोशिश की जाएगी तथा इस मुहिम में लोगों को भी जागरुक किया जाएगा कि वह बच्चों को भिक्षा नहीं शिक्षा देकर अपना कर्तव्य निभाएं।
इससे बच्चों को अपना बचपन जीने को मिलेगा। शिक्षा के अभाव में कुछ बच्चे अपराध की ओर बढ़ जाते हैं। इनके स्कूल जाने से अपराध की प्रवृति में भी रोक लगेगी। इस अभियान को सफल बनाये जाने हेतु जनपद रुद्रप्रयाग के स्थानीय जनमानस का सहयोग भी अपेक्षित है।