—————————- प्रकाश कपरुवाण।
ज्योतिर्मठ, 14अप्रैल।
सीमांत पैनखंडा ज्योतिर्मठ की रामलीला के अष्टम दिवस रविवार को रावण दरबार मे अंगद द्वारा दी गई चुनौती के बाद रावण के पराजय की कहानी तो उजागर हुई ही, रावण-अंगद संवाद के दौरान शक्ति प्रदर्शन के दृष्यों का भी शानदार मंचन हुआ।
समुद्र पार करने के बाद भगवान श्री राम ने रावण को एक और मौका देने का निर्णय लिया और इस बार युवराज अंगद को रावण दरबार मे भेजा, युवराज अंगद ने रावण दरबार मे पहुंचकर रावण से माता सीता को वापस करने का अनुरोध किया, लेकिन रावण ने अंगद के सुझाव को ठुकरा दिया और संवाद के बाद अंगद ने भरी सभा मे पैर हिलाने की चुनौती दे डाली जिसे रावण दरबार के योद्धा हिला नहीं सके।
अंगद ने संवाद के दौरान जहाँ रावण के अहंकार को उजागर किया वहीँ श्री राम के पराक्रम को भी मंचन के माध्यम से बखूबी दर्शाया। रावण-अंगद संवाद के दृष्यों ने जहाँ शक्ति, साहस और अहंकार के बीच संघर्ष दिखा वहीँ दर्शकों को यह सोचने के लिए भी विवश किया कि अहंकार के आगे सत्य और साहस की ही विजय होती है।
रावण के पात्र प्रदीप भट्ट एवं अंगद के पात्र मनीष रतूड़ी के बेहतरीन अभिनय को देखने के लिए दर्शक देर रात्रि तक पांडाल मे डटे रहे।
श्री नृसिंह-नव दुर्गा सेवा समिति ज्योतिर्मठ द्वारा आयोजित श्री रामलीला महायज्ञ मे हारमोनियम पर प्रकाश रतूड़ी व तबले पर सुमित रतूड़ी संगत दे रहे हैं, निर्देशक की भूमिका मे भरत प्रसाद सती जबकि सूत्रधार व उदघोषक के रूप मे एडवोकेट अनिल कुमार साह एवं उमेश सती अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
श्री नृसिंह-नव दुर्गा सेवा समिति के अध्यक्ष/श्री बद्रीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चन्द्र उनियाल, सचिव जयदीप मंन्द्रवाल, कोषाध्यक्ष शशांक सकलानी के मार्गदर्शन मे पदाधिकारियों एवं स्वयं सेवकों की टीम पूरे मनोयोग से श्री रामलीला महायज्ञ की ब्यवस्थाओं मे जुटे हैं।