देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल महिला प्रकोष्ठ द्वारा मिलन वेडिंग पांइट बालावाला देहरादून में श्री रोशन लाल थपलियाल की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम की मुख्य संयोजक महानगर महिला अध्यक्ष श्रीमती सुलोचना ईष्टवाल रही। सम्मलेन में अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि दल के पूर्व राज्य बनाने में जो भूमिका महिलाओं और युवाओं ने निभायी है। आज उत्तराखंड के नव निर्माण के लिए एक बार पुनः राज्य को आवश्यकता है। आप सभी को दृढ संकल्प के साथ यूकेडी से जुड़ें। मुख्य वक्ता डॉ शक्ति शैल कपरुवाण रहे। अपने सम्बोधन में डॉ कपरुवाण ने कहाँ कि उत्तराखंड का जो स्वप्न हमने देखा था, वह राज्य के बने 22 वर्षों में आज भी अधूरा है। जिसे अब उत्तराखंड कि महिलाएं व युवा राजनैतिक दशा व दिशा को बदल कर राज्य कि औचित्य को पूर्ण करने में अहम् भूमिका के द्वारा पूर्ण किया जा सकता है।
सम्मलेन में डॉ सुमेर चंद रवि ने कहा कि हमें अपनी लोक संस्कृति, बोली भाषा की पहचान बनाकर चलना होगा, तभी हम पुनः एक रूप से एकजुटता के साथ राज्य की विकास की अवधारना को पूरा कर सकते हैं। श्री शांति प्रसाद भट्ट ने कहा कि राष्ट्रीय राजनीति राज्य को बर्बाद कर रही है। बुनियादी सवालों पर सरकार चुप बैठी है। जो 22 वर्ष से चला आ रहा है। नौजवानों, महिलाओं को एक होकर भाजपा कांग्रेस को जबाब देना चाहिए तभी राज्य के विकास के लिए एकजुटता के साथ दल के साथ खड़ी रहे। शिव प्रसाद सेमवाल ने कहाँ कि जनता को अब राष्ट्रीय राजनीति के प्रपंच को समझना होगा। उक्रांद जनता के मुद्दों को लेकर मुखर रहती है और आज भी जनता के मुलभुत सुविधाओं, समस्याओं को लेकर खड़ी हैं। भले हमें वोट नहीं दिया लेकिन आज भी कोई अपनी समस्याओं को लेकर आता है, हम उनके साथ खडे हैं।
सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए उक्रांद नेत्री मीनाक्षी घिल्डियाल ने कहाँ कि महिलाओं को भाजपा कांग्रेस ने केवल वोट बैंक का साधन माना हैं, महिलाओं के नाम पर केवल वायदे ये करते हैं लेकिन निभाते नहीं हैं। उक्रांद का अपना इतिहास हैं जिसने राज्य के लिए खोया हैं। अब महिलाओं को समझना होगा कि राज्य का सर्वागीण विकास केवल यूकेडी कर सकती हैं।
स्वतंत्रता संग्राम सैनानी उत्तराधिकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष श्री अवधेश पंत ने कहाँ कि उक्रांद ने राज्य बनाया हैं। वही राज्य की अवधारना को समझता है। उक्रांद ही राज्य का असली विकास कर सकता है। अन्य वक्ताओं जिसमें ओम प्रकाश खंडूरी, ए पी जुयाल, उत्तरापंत बहुगुणा, सुनील प्रसाद, डॉ मेघा खंखरियाल ने अपने विचार रखे। सम्मलेन का संचालन सुनील ध्यानी ने किया।
सम्मलेन में किशन मेहता, जय प्रकाश उपाध्याय, प्रमिला रावत, राजेंद्र बिष्ट, राजेश्वरी रावत, विपिन रावत, अनिल डोभाल, दीपक रावत, संजय बहुगुणा, अशोक नेगी, विजेंद्र रावत, शशांक गुप्ता, राजकुमार असवाल, सुधीर अग्रवाल, विपिन रावत, किरण रावत, सीमा रावत, रीता जोशी, रितु पाठक तारा देवी, संजय डोभाल, योगी पंवार, सुरेन्द्र चौहान, आशा भट्ट, निर्मला भट्ट, सरोज रावत, सविता श्रीवास्तव, मीनू थपलियाल, यशोदा देवी, विमला चौहान, गीता चौहान, राजेंद्र गुसाईं, शशि नेगी, उमा खंडूरी, रीना घिल्डियाल, मुन्नी देवी, सरोज सनवाल, मीरा नौटियाल आदि सैकड़ो की संख्या में महिलायें व युवा उपस्थित थे।