रिपोर्ट – सत्यपाल नेगी
रुद्रप्रयाग – विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम की आगामी यात्रा को लेकर पशु विभाग अपनी सभी तैयारीयों में जुटा है,मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ.आशीष रावत ने बताया कि पिछले वर्ष की यात्रा में अत्यधिक घोड़े-खच्चरों के संचालन से यात्रा मार्ग में पशु क्रूरता एंव अव्यवस्थाएं सामने आई थी,जिस कारण प्रशासन सहित विभाग को बड़ी कठिनायों का सामना करना पड़ा था.यहाँ तक कि घोड़े खच्चरों के वेतहासा आवाजाही के कारण कई श्रद्धालु चोटिल भी हुए थे.
आपको बताते चले कि केदारनाथ धाम के लिए 16 किलोमीटर पैदल यात्रा करनी होती है,इसके लिए घोड़े-खच्चरों का स्तेमाल किया जाता है, मगर बीते साल की यात्रा के दौरान 10 हजार से अधिक घोड़े-खच्चरों के संचालन के कारण जहाँ पैदल मार्ग पर चलने वाले तीर्थ यात्रियों को अत्यधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ा तो वहीं घोड़े खच्चरों के धक्के से कई यात्री चोटिल भी हुए थे, साथ ही पैदल मार्ग में भारी गंदगी भी फेलती नजर आई थी.तो पशु क्रूरता के भी बड़े मामले सामने आये थे.
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष रावत ने बताया कि इस बार जिला प्रशासन के सहयोग से निर्णय लिया जा रहा है कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की सीमित संख्या 5 हजार ही रहेगी,बीमार,कमजोर घोड़े-खच्चरों को यात्रा मार्ग पर चलने की परमिशन नहीं होगी, इससे यात्रा पर गंदगी के साथ-साथ अव्यवस्थाये भी नहीं होगी तथा पशु क्रूरता करने वालों पर भी कड़ी नजर रहेगी.साथ ही इस बार यात्रा के दौरान पशु चिकित्सको की संख्या को भी बढ़ाया जायेगा, वही मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने सभी जनपद वासीयो से अपील की है कि विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ यात्रा को सकुशल व सुव्यवस्थीत बनाने मे सहयोग करे.