पिथौरागढ़। पुलिस कब बड़े-बड़े अपराधियों के कृत्यों की तरफ आंख मूंद ले, उनसे गलबहियां करने लगे और कब निरपराध लोगों को झूठे प्रमाण जुटाकर जेल में बंद कर दे, कहना मुश्किल है। इसलिए पुलिस जब अपना चेहरा पालिसकर मित्र पुलिस का मुखौटा पहनती है, तो लोगों को उस चेहरे पर संदेह होने लगता है। कुछ ऐसा ही काम किया है, पिथौरागढ़ पुलिस ने।
पिथौरागढ़ जिले के थाना कनालीछीना में सुरेंद्र सिंह पुत्र त्रिलोक सिंह उम्र 37 वर्ष, निवासी ग्राम सभा दुर्लेख, लाल सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह उम्र 35 वर्ष, निवासी ग्राम लीमाभाट में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। 15 फरवरी 2021 को जांच के बहाने चरमा मंे बुलाया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पास से चरस बरामद करने का आरोप पुलिस लगा रही है। इसी आधार पर उन पर एनडीपीएस एक्ट लगाया गया है।
पुलिस की इस कार्यवाही के खिलाफ ग्राम प्रधान बाजानी, ग्राम प्रधान दुर्लेख, ग्राम प्रधान बोराबुंगा, ग्राम प्रधान लीमाभाट, करीब आधा दर्जन जन प्रतिधियों ने पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़ को पत्र लिखकर मामले में की जा रही पुलिसिया साजिश का आरोप लगाया है। इन लोगों को कहना है कि दोनों गरीब परिवारों से हैं, परिवार के कमाने वाले अकेले सदस्य हैं। दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का पालन करते हैं। दोनों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उन्हें पुलिस ने गलत तरीके से फंसाकर गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक से मामले की निष्पक्ष जांच कर दूध का दूध, पानी का पानी करने का आग्रह किया गया है। पत्र की प्रति पुलिस महानिदेशक, आईजी कुमाउं तथा जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को भी प्रेषित की गई है।