फोटो– औली मे दस नंबर टावर के समीप बने ईको हट बर्फ से पटे हुए।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। पूरे पैनख्ंाडा ने ओढी बर्फ की सफेद चादर। विष्णु प्रयाग से लेकर संजीवनी शिखर तक पूरा क्षेत्र हुआ बर्फ से लबालब। जोशीमठ-नृसिंह मंदिर मे 6वर्षो के अंतराल के बाद जोरदार बर्फबारी हुई।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी फिर एक बार सटीक साबित हुई। 21जनवरी को सुबह से मौसम ने करवट बदलना शुरू किया और सांय होते-होते ऊॅचाई वाले क्षेत्रो मे हिमपात व निचले इलाको मे वारीश शुरू हो गई थी। रात्रि को विश्व विख्यात हिमक्रीडा केन्द्र औली सहित नीती-माणा धाटी, बदरीनाथ , हेमकुंड साहिब व गौरसौं बुग्याल मे हिमपात शुरू हुआ जो समाचार भेजे जाने तक भी रूक-रूक कर जारी है। सुबह होते ही निचले इलाको मे भी बर्फ की फुआरे गिरनी शुरू हुई और दुपहर होते-होते प्रथम प्रयाग विष्णु प्रयाग से लेकर संजीवनी शिखर औली तक पूरा क्षेत्र बर्फ से लबालब हो गया। जोशीमठ मुख्य नगर मे वर्ष 2014के बाद बर्फबारी हुई है।
लगातार बर्फबारी के बाद पैनख्ंाडा जोशीमठ की उर्गम घाटी, सलूड-डंुग्रा घाटी, चिनाप घाटी थैंग, डुमक-कलगोठ गणाई, मोल्टा , पगनौ, तपोवन, सुराईथोटा, भविष्य बदरी, रैणी-लाता पडगासी हनुमान चटटी सहित पूरे पैनख्ंाडा जोशीमठ ने बर्फ की सफेद चादर ओढ ली थी। विश्व विख्यात हिमक्रीडा केन्द्र औली मे दो से ढाई फीट बर्फ की मोटी परत जम चुकी है। बर्फबारी के बाद विद्युत ब्यवस्था भी चरमरा गई थी। बर्फ मे पूरे दिन बिद्युत कर्मी क्षतिग्रस्त विद्युत लाइनो की मरम्मत मे जुटे रहे। और देर सांय तक कई क्षेत्रो की विद्युत आपूर्ति सुचारू कर ली गई।
बर्फबारी के बाद पूरे क्षेत्र मे कडाके की ठंड शुरू हो गई है। बर्फबारी को दखते हुए जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने 23जनवरी को भी शिक्षण संस्थाओ मे अवकाश घोषित किया है।
बर्फबारी के पूर्व सूचना पर जोशीमठ और औली पंहुचे पर्यटको ने हिमवर्षा को जमकर आंनद उठाया। औली की खूबसूरत विश्व स्तरीय स्कीइंग ढलाने बर्फ से पट गई है। भारी वर्फबारी के बाद जीएमवीएन सहित स्थानीय पर्यटन ब्यवसायियों मे भी खुशी की लहर है। जीएमवीएन के मुख्य स्कीइंग प्रशिक्षक किशोर डिमरी के अनुसार निगम को स्कीइंग प्रशिक्षण कोर्स के लिए पर्याप्त बर्फ मिल गई और आगामी पूरे फरवरी माह मे प्रशिक्षण कोर्स आसानी से संचालित किए जा सकेगे। उन्होने बताया कि अपर स्की स्लोप पर करीब तीन फीट तक बर्फ जम चुकी है और बर्फबारी लगातार जारी है।