फोटो–टिम्मरसैंण महादेव-नीतीघाटी में बाबा बर्फानी शिवलिंग
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। नीती घाटी से कैलाश मानसरोवर यात्रा की वाट जोह रहे घाटी के ग्रामीणों ने बाबा बर्फानी के दर्शनों की शुरूआत कर नीती घाटी को भी धार्मिक पर्यटन से जोडने की कवायद शुरू कर दी है। नीती घाटी के टिम्मरसैंण मे है बाबा बर्फानी की गुफा है। कई श्रद्धालुओं ने नीती घाटी पहुचकर टिम्मरसैण महादेव-बाबा बर्फानी के दर्शन किए।
भारत-तिब्बत सीमा से सटे देश के अंतिम गाॅव नीती के पास ही विराजमान है साक्षात भोले नाथ जिन्है टिम्मरसैण महादेव के नाम से ही जाना जाता है। यूॅ तो ग्रीष्म काल मे नीती घाटी की ओर जाने वाले अधिकाशॅ ग्रामीण व पर्यटक महादेव के दर्शनो के लिए अवश्य गुफा मे जाते है। और श्रावण मास मे तो दूर-दूर से भी शिवभक्त वहाॅ पंहुचकर जलाभिषेक करते है। लेकिन इस बार एक नई सोच के साथ इस यात्रा की शुरूवात की गई है।
छरसअल टिम्मरसैंण महादेव का शिवलिंग गमशाली-नीती मोटर मार्ग के समीप एक गुफा नुमा टीले पर है। ग्रीष्मकाल के दौरान यहाॅ शिवलिंग पर निंरतर स्वत जलाभिषेक होता रहता है। गुफा का स्वरूप ही इस प्रकार का है कि चैबीसों घंटे भगवान के शिवलिंग पर जलधारा का प्रवाह रहता है। लेकिन शीतकाल मे यही जलधारा बर्फ की मोटी परत के रूप मे परिवर्तित हो जाती है। लेकिन इस बर्फानी नुमा शिवलिंग के दर्शन सुरक्षाबलो के अलावा कोई नही कर पाता था।
गतवर्ष नीती घाटी के दªौणागिरी गाॅव के निवासी व वर्तमान मे अपर आयुक्त-गढवाल हरक सिंह रावत ने बर्फानी बाबा के दर्शन व यात्रा की योजना तैयार की और स्थानीय लोगो के माध्यम से यात्रा को बेहतर बनाने के प्रयास किये। हाॅलाकि यह यात्रा फरवरी-मार्च महीने से ही शुरू करने की योजना थी,लेकिन इस वर्ष भारी बर्फबारी व लगातार हिमपात के कारण नीती घाटी का सडक मार्ग नही खुल सका था। जिसके चलते अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह से ही यात्रा की शुरूवात करनी पडी।
वर्ष 1962 मे भारत-चीन युद्ध के बाद से नीती-माणा घाटियों के ग्रामीण नीती-माणा दर्रो से पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा की पुन शुरूवात करने की मांग करते आ रहे है। लेकिन इन 57वर्षो के बाद भी इस दिशा मे कोई कार्यवाही नही हो सकी। जिसके चलते नीती घाटी धार्मिक पर्यटन से अछूती रह गई। अब यदि छोटे बर्फानी बाबा के रूप मे ही सही नीती घाटी मे इस धार्मिक यात्रा की शुरूवात हुई है तो निश्चित ही यह नीती घाटी मे प्रक्रृति प्रेमी पर्यटन के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन को आगे बढाने मे मील का पत्थर साबित हो सकती है।
इस यात्रा के सूत्रधार अपर आयुक्त गढवाल हरक सिंह रावत कहते है कि टिम्मर सैंण मे विराजमान बर्फानी बाबा की यात्रा को भविष्य मे और भी ब्यापक रूप मिले इसके लिए नीती घाटी के ग्रामीण निरंतर प्रयासरत है। कहा कि इस प्रकार की यात्रा का प्रचार-प्रसार मिलने से ही भविष्य मे यह एक धार्मिक यात्रा का रूप लेगी और बदरीनाथ के कपाट खुलने से दो माह पूर्व से ही धार्मिक पर्यटको का आवागमन शुरू हो सकेगा। इस प्रकार की योजना से निश्चित ही राज्य को भी आर्थिक लाभ होगा।
अपर आयुक्त श्री रावत ने कहा कि नीती घाटी से ही कैलाश मानसरोवर का मार्ग है जो अब भारतीय सीमा तक सडक संपर्क से भी जुड गया है। यहाॅ से कैलाश मानसरोवर की यात्रा और भी सुलभ हो सकती है।
श्री रावत ने बाबा बर्फानी की यात्रा के शुभांरभ के लिए नीती महादेव समिति के साथ ही जोशीमठ पैनख्ंाडा के सभी जनप्रतिनिधियों का आभार प्रदर्शित किया है।