रिपोर्ट – सत्यपाल नेगी /रूद्रप्रयाग
रूद्रप्रयाग: विश्व हेपेटाइटिस दिवस के मौके पर राजकीय इंटर कालेज घिमतोली व जिला चिकित्सालय में जागरूकता संगोष्ठियों का आयोजन कर वायरल हेपेटाइटिस से कारण,बचाव व रोकथाम के उपाय के बारे में जागरूक किया गया। जिला चिकित्सालय में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्ववधान में आयोजित जागरूकता गोष्ठी में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री रवि रंजन द्वारा हेपेटाइटिस से बचाव के लिए जागरूकता पर जोर दिया गया। कहा कि हेपेटाइटिस टीकाकरण की सुनिश्चितता के साथ-साथ सही समय पर वायरल हेपेटाइटिस के लक्षण पता चलने पर तत्काल जांच व उपचार करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. विमल सिंह गुसाईं ने कहा कि हेपेटाइटिस विषाणु जनित रोग है,जो लीवर को क्षति पहुंचाता है।बताया कि हेपेटाइटिस बीमारी को लेकर जागरूकता के उद्देश्य के साथ ही 28 जुलाई को *विश्व हिपेटाइटिस दिवस* मनाया जाता है।उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस वायरस पांच प्रकार का होता है, जिसमें हेपेटाइटिस ए,बी,सी, डी व ई शामिल है।हेपेटाइटिस ए और ई दूषित जल व भोजन के उपयोग से व हेपेटाइटिस बी व सी संक्रमिक रक्त एवं रक्त उत्पादों से,असुरक्षित यौन संबंध से हो सकता है।फफिजीशीयन डाॅ.संजय तिवारी,बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ.रविंद्र,पैथोलॉजिस्ट डाॅ.मनीष द्वारा वायरल हेपेटाइटिस के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए हेपेटाइटिस बी के संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन लगवाने,अधिकृत ब्लड बैंक से ही रक्त लेने जैसे उपायों को अपनाने पर जोर दिया।कहा कि हेपेटाइटिस बी एक गंभीर बीमारी है,यह बीमारी इसलिए भी खतरनाक है कि गर्भवती महिलाओं में उनके शिशुओं में भी फैल सकती है,ऐसे लक्षण दिखाई देने पर संबंधित को चाहिए कि वह तत्काल निकतवर्ती चिकित्सालय में जाकर जांच कराए।यह भी सुनिश्चित कराएं कि बच्चे को हिपेटाइटिस टीके की शून्य डोज जरूर लगवाएं। उधर, राइंका घिमतोली में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में ऐपिडेमियोलॉजिस्ट डाॅ.शाकिब हुसैन ने वायरल हेपेटाइटिस के बारे में विस्तारूपर्वक जानकारी दी।बताया कि थकान लगना,भूख न लगना,जी मिचलाना,सिर दर्द,बदन दर्द,पेट दर्द व पीलिया आदि हेपेटाइटिस के लक्षण हैं।बताया कि हेपेटाइटिस लीवर बी बीमारी है,जो पांच प्रकार की होती है, जिसमें से हेपेटाइटिस बी व सी में लीवर सिरोसिस या कैंसर भी हो सकता है।उन्होंने हेपेटाइटिस के लक्षण महसूस होने पर तत्काल निकटवर्ती चिकित्सालय में संपर्क करने की अपील की। जिला समन्वयक आईईसी हरेंद्र सिंह नेगी द्वारा द्वारा वायरल हेपेटाइटिस पर आधारित जागरूकता प्रचार सामग्री का वितरण करते हुए छात्र-छात्राओं को हेपेटाइटिस से बचाव व रोकथाम के लिए खाने से पहले तथा शौच के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोने, पीने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करने, बाजार के खुले खाद्य पदार्थों का सेवन न करने जैसी आदतों को अपने व्यवहार में अनिवार्य रूप से अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया,काउंसलर राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम विपिन सेमवाल व सोशल वर्कर तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम दिगपाल सिंह कंडारी ने विद्यार्थियों से अपने आसपास के वातावरण को साफ-सुथरा रखने व मक्खियों को ना पनपने देने को लेकर जागरूक किया। कार्यक्रमों में प्रधानाचार्य आशुतोष बिष्ट,भूपेश जोशी,विजय नेगी,एसके चंद्रा,सुरजीत भिंलगवाल, एमएस नेगी, तनुजा रावत,एसएस नेगी,एमएस नेगी,डाॅ.प्रियांशी,डॉ. यामिनी,कलम सिंह आदि मौजूद रहे।